अन्नपूर्णास्तोत्रम् नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्भूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ १॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरी ॥ भिक्षां देहि० ॥ २॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।…