देवी दुर्गा उमा विश्व जननी रमा मातु तारा 

देवी दुर्गा उमा विश्व जननी रमा मातु तारा लिरिक्स

देवी दुर्गा उमा विश्व जननी रमा मातु तारा  देवी दुर्गे उमा, विश्व जननी रमा, मातु तारा, एक जगदम्बा तेरा सहारा! (२) तू ही वैष्णवी मोह माया, तूने सारे जग को…

गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल

गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती   गणाधीश गजानन दीनदयाल, आरती उतारू गौरा जी के लाल ।  बोलो गणाधीश..... लम्बोदर चतुर्भुज लीला तेरी न्यारी है,  वक्रतुण्ड महाकाय मूसे की सवारी है।।  भक्त जन…

महामृत्युंजय मंत्र जाप ! महामृत्युंजय जप के नियम

महामृत्युंजय मंत्र जप का नियम और लाभ निम्नलिखित है: 1. *नियम*:    - मंत्र: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"    - आदर्श रूप से रोजाना सुबह और…

संतान गोपाल मंत्र जप के लाभ : क्यों कराया जाता है आचार्यों से संतान गोपाल मंत्र जप आइए जानते हैं

संतान गोपाल मंत्र एक प्राचीन मंत्र है जो बच्चों की प्राप्ति और संतान सुख के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से प्राचीन विश्वास है कि…

श्री जगन्नाथाष्टकम् जगन्नाथ पुरी का रहस्य जगन्नाथ मंदिर का रहस्य जगन्नाथ पुरी कब जाना चाहिए

जगन्नाथ पुरी का रहस्य श्री जगन्नाथाष्टकम् जगन्नाथ पुरी का रहस्य जगन्नाथ मंदिर का रहस्य जगन्नाथ पुरी कब जाना चाहिए मंदिर का रहस्य जगन्नाथ पुरी कब जाना चाहिए|  जगन्नाथाष्टकम् एक प्रसिद्ध…

भवान्यष्टकम् : ना तातो ना माता ना बन्धुर्न न दाता न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता

।।भवान्यष्टकम्।।     ना तातो ना माता  ना तातो ना माता ना बन्धुर्न न दाता न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता । न जाया न विद्या न वृत्तिर्ममैव गतिस्त्वं…

शिवाष्टक : जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे। जय कैलाशी जय अविनाशी ..

जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे। जय कैलाशी जय अविनाशी सुखराशी सुखसार हरे ।। जय शशि शेखर जय डमरुधर जय…

महिषासुरमर्दिनि स्त्रोत ! अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते

महिषासुरमर्दिनिस्त्रोत ! अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते महिषासुरमर्दिनि स्त्रोत अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवर-विध्य-शिरोऽधि-निवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठ-कुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि-भूरिकृते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ।।१।। सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि…

शिवाष्टक : जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे। जय कैलाशी जय अविनाशी सुखराशी सुखसार हरे

 जय शिव शंकर जय गंगाधरकरुणाकर करतार हरे             जय शिव शंकर जय गंगाधर जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे। जय कैलाशी जय अविनाशी सुखराशी…

गोविंद दामोदर स्त्रोत करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनवेशयन्तम्

करारविन्देन पदारविन्दं गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्     करारविन्देन पदारविन्दं, मुखारविन्दे विनवेशयन्तम् ।    वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं, बालंमकुन्दं मनसा स्मरामि ॥१॥  श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव । …