॥ श्री पित्तरों की आरती ।।
पित्र देव आरती
पित्तरों की नित आरती कीजै
तन मन धन चरणों में लीजै
।। अन्तरा ।।
अपने कुल की रक्षा करते
पुत्र पौत्रो के दुःख को हरते
पित्तरों की नित आरती कीजै…..॥१॥
स्वर्ग लोक में पास तुम्हारे
सेवा करते देवता सारे
पित्तरों की नित आरती कीजै…..॥२॥
जिन पर आप खुशी हो जाओ
उनके कारज सिद्ध बनाओ
पित्तरों की नित आरती कीजै…..॥३॥
जो कोई शरण में आवे तुम्हारो
जग में सुख पाता भारो
पित्तरों की नित आरती कीजै…..।॥४॥
जो कोई तिन पित्तरों की आरती गावे
नर जीवन में सुख सम्पत्ति पावे
पित्तरों की नित आरती कीजै…..॥५॥