लोहे को खा गया घुन हिंदी लोक कथा – Lohe ko kha gya ghun hindi lok katha

लोहे को घुन खा गया हिंदी लोक कथा

हिंदी लोक कथा 

एक समय की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे । और दोनों व्यापार में सहभागी भी थे। मामा ने फूफा से कहा…

फूफा ने कहा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे उसके मूलधन से बहुत ज्यादा दाम मिले।

मामा ने कहा ठीक है फूफा , तुम्हारी बात तो सही है, पर हम खरीदें क्या ये तो बताओ ..??

*उन्होंने आपस में राय-मशवरा किया और लोहा खरीदने का निर्णय लिया। दोनों ने बराबर रूपये मिला कर लोहा खरीदा। फूफा ने मामा से कहा कि लोहा वह कहीं सुरक्षित स्थान पर रख दे। मामा ने लोहा अपने पास एक पुरानी कोठरी में रख लिया। कुछ दिन तो लोहा जस का तस रखा रहा लेकिन धीरे-धीरे मामा के मन में लालच आ गया और मामा फूफा को बिना बताये लोहा बेचने लगा। काफी दिनों बाद फूफा मामा के पास गया और बोला “मामा आज लोहे का भाव काफी बढ़ गया है, जल्दी से वह लोहा निकालो, हम इसे बेचकर आते हैं।*

*इस पर मामा बोला “फूफा लोहा तो अब कबाड़ घर में नहीं है, क्योंकि लोहे को तो घुन खा गये हैं..!!

फूफा समझ गया कि मामा ने उसके साथ धोखा किया है और उसे बिना बताये सारा का सारा लोहा बेच दिया है। फूफा को क्रोध तो बहुत आया पर वह बिना कुछ कहे-सुने वहां से चला गया!

*इस घटना के कुछ दिनों बाद फूफा मामा के पास आया और बोला “मामा मैं एक बारात में जा रहा हूँ, बड़ा अच्छा इंतजाम है! अकेला हूँ चाहो तो अपने बेटे को साथ भेज दो, उसकी भी मौज हो जायेगी और कल सुबह तक हम वापस भी आ जायेंगे”

*मामा बोला क्यों नहीं, बेशक तुम मेरे बेटे को अपने साथ लेकर जाओ और हां इसे बारात में अच्छी तरह खाना-वाना खिला देना।*

फूफा बोला “यह भी भला कोई कहने की बात है मामा, तुम निश्चिंत रहो।” इस तरह दो दिन बीत गए। मामा का बेटा अभी तक घर वापस नहीं आया। मामा को बहुत चिंता हो गयी कि अभी तक उसका बेटा घर वापस क्यों नहीं आया है? वह अपने बेटे के बारे में जानने के लिए फूफा के पास गया और बोला “फूफा मेरा बेटा कहाँ है? वह अभी तक घर वापस क्यों नहीं आया है?*

फूफा ने कहा “क्या बताऊँ मामा, रास्ते में एक चील तुम्हारे बेटे को उठा कर ले गयी”

*मामा बोला “ये कैसे हो सकता है? भला कोई चील 12 साल के लड़के को उठा कर ले जा सकती है? सीधी तरह मेरा बेटा मुझे वापस करों, नहीं तो मैं राजा भीम के पास जाऊंगा।”

* फूफा बोला ठीक है मामा, चलो राजा जी के पास चले, अब वही न्याय करेंगे।*

मामला वहां के राजा भीम के सामने पेश हुआ। राजा भीम ने सारी बात सुनी और आश्चर्यचकित होते हुए फूफा से कहा *देखो फूफा तुम झूठ बोल रहे हो, भला कोई चील 12 वर्ष के लड़के को उठा कर अपने पंजो से आसमान में कैसे ले जा सकती है?*

इस पर फूफा ने उत्तर दिया,

*कथा कहूँ कथावली, सुनो हे राजा भीम।*
*लोहा को घुन खा गया, लड़का ले गया चील।*

इस पर राजा भीम सब समझ गये और उन्होंने मामा को आज्ञा दी कि वह फूफा का लोहा वापस कर दे और फूफा को कहा कि वह लड़के को मामा के पास वापस पहुंचा दे।

*शिक्षा*

*लालच के कारण अच्छे अच्छे रिश्ते भी टूट जाते है, क्योकि लालच मनुष्य को बुरा बना देता है, इसलिए कभी भी किसी के साथ लालच में आकर धोखा नहीं करना चाहिए।*

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