ओ पालन हारे, निर्गुण ओ न्यारे
।।जय श्री श्याम।।
तर्ज :ओ पालन हारे, निर्गुण ओ न्यारे,
ओ पालन हारे, निर्गुण ओ न्यारे, तुम्हरे बिन हमरा कोन्हु नाही
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन, तुम्हरे बिन हमरा कोन्हु नाहीं – २
ओ पालन हारे.. ॥१॥
तुम्हें हमका हो सम्भाले, तुम्हें हमरे रखवाले
तुम्हरे बिना हमरा कोन्हु नाहीं – २
ओ पालन हारे.. ॥२॥
चंदा में तुम्हें ही भरे हो चाँदनी, सूरज में उजाला तुम्हीं से
ये गगन, है मगन, तुम्हीं तो दिए हो इसे तारे
भगवन, ये जीवन, तुम्हें ना संवारोगे तो क्या कोई संवारे
ओ पालन हारे……….॥३॥
जो सुनो तो कहे प्रभु जी, हमरी है विनती, दुखीजन को धीरज दो,
हारे नहीं, वो कभी दुःख से, तुम निर्बल को रक्षा दो,
रह पाए निर्बल सुख से, भक्ति को, शक्ति दो- २
जग के जो, स्वामी हो, इतनी तो अर्ज सुनो
है पथ में अंधियारे, दे दो वरदान में उजियारे
ओ पालन हारे..।।४।।