गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।।2
लम्बोदर चतुर्भुज लीला तेरी न्यारी है,
वक्रतुण्ड महाकाय चूहे की सवारी है।।
भक्त जन भर भर लाए लड्डुअन के थाल।
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।।
गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती उतारू ….
रिद्धि सिद्ध पत्नी तेरी यश लाभ दो है सुत।
तेरी पूजा करने वाला हो जाए पापों से मुक्त।।
जय गणेश बोलो कटे संकटो के जाल।
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।
गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती उतारू….
ब्रम्हा विष्णु रुद्र से भी पहले पूजा तेरी है।
कार्य सिद्ध हेतु तेरी कृपा भी जरूरी है ।।
शंख बाजे घण्टा बाजे झाँझरो के ताल ,
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।।
गणाधीश गजानन दीनदयाल, आरती उतारू…
माटी से बनाया तुमको माटी तेरी पूजा है।
तेरे जैसा एकदन्त और नही दूजा है।।
बुद्धि के प्रदाता तेरी जै हो ओंकार।
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।।
गणाधीश गजानन दीनदयाल, आरती उतारू….