गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल लिरिक्स आरती |

गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती

गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल लिरिक्स आरती 

ॐ गणाधीश गजानन दीनदयाल,
      आरती उतारू गौरा जी के लाल।। बोलो गणाधीश……
लम्बोदर चतुर्भुज लीला तेरी न्यारी है,
      वक्रतुण्ड महाकाय मूसे की सवारी है।।
भक्त जन भर भर लाये लड्डुअन के थाल
      आरती उतारू गौरा जी के लाल।। बोलो गणाधीश……..
रिद्धि सिद्धि पत्नी तेरी यश लाभ दो है सुत
      तेरी पूजा करने वाला हो जाये पापों से मुक्त।।
बुद्धि के प्रदाता तेरी जय हो ओमकार
      आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।।बोलो गणाधीश…..
ब्रम्हा विष्णु रुद्र से भी पहले पूजा तेरी है
      कार्य सिद्ध हेतु तेरी कृपा भी जरूरी है।।
शंख बाजे घंटा बाजे झाँझरो के ताल
      आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल ।। बोलो गणाधीश…
माटी से बनाया तुमको माटी तेरी पूजा है
      तेरे जैसा एकदन्त और नहीं दूजा है ।
शंकर के दुलारे प्यारे गौरा जी के लाल
       आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल। बोलो गणाधीश..

 

गणाधीश गजानन दीनदयाल आरती 

 

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *