एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा लिरिक्स भजन

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एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा लिरिक्स भजन

एक राधा एक मीरा

एक राधा, एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो

एक प्रेम दीवानी, एक दरस दीवानी.( 2)

एक राधा, एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो

एक प्रेम दीवानी, एक दरस दीवानी

एक प्रेम दीवानी, एक दरस दीवानी

राधा ने मधुबन में ढूँढा मीरा ने मन में पाया

राधा जिसे खो बैठी वो गोविन्द

मीरा हाथ बिक आया

एक मुरली, एक पायल,

एक पगली, एक घायल

अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो

अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो

एक सूरत लुभानी, एक मूरत लुभानी.( 2)

एक प्रेम दीवानी, एक दरस दीवानी

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर राधा के मनमोहन

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर राधा के मनमोहन

सागामापा धा पाधामा पारेमा गा धारे

सानिधारे रे गा मा गापामा पाधापासानीसारे आ….

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर राधा के मनमोहन

राधा नित श्रृंगार करे, और मीरा बन गयी जोगन

एक रानी एक दासी, दोनों हरि प्रेम की प्यासी

अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो

अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो

एक जीत न मानी, एक हार न मानी.( 2)

एक राधा, एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो

एक प्रेम दीवानी, एक दरस दीवानी.( 2)

एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी

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