श्री भागवत भगवान की आरती
श्री भागवत भगवान की आरती
श्री भागवत भगवान् की है आरती ।
पापियों को पाप से है तारती।
श्री भागवत भगवान की०
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पंथ, ये पंचम वेद निराला ।
नव ज्योति जगाने वाला-२ ॥
हरिनाम यही, हरिध्यान यही, जग के मंगल की आरती ।
पापियों को पाप से है तारती।।
श्रीभागवत भगवान की०
ये शान्ति गीत पावन पुनीत, पापों को मिटाने वाला।
हरि दर्श कराने वाला -२॥
ये सुख करणी, ये दुःख हरणी, श्री मधुसूदन की आरती।
पापियों को पाप से है तारती ॥
श्री भागवत भगवान की०
ये मधुर बोल मग पंथ बोल, सत् मार्ग बताने
वाला।
बिगड़ी को बनाने वाला ॥
श्रीराम यही, घनश्याम यही, प्रभु की महिमा आरती ।
पापियों को पाप से है तारती।।
श्रीभागवत भगवान की०