।।आरती बालकृष्ण की कीजै ।।
।।आरती बालकृष्ण की कीजै ।।
आरती बालकृष्ण की कीजै।।
अपनो जनम सफल कर लीजै ॥
श्री यशुदा को परम दुलारो, बाबा की अँखियन को तारो ।
गोपिन के प्राणन सों प्यारो, इन पर प्राण निछावर कीजै ॥ आरती बालकृष्ण…. ॥१॥
बलदाऊ को छोटो भइया, कनुआ कहि कहि बोलत
मइया।।
परम मुदित मन लेत बलइया,यह छवि नैनन में भरि लीजै॥
आरती बालकृष्ण.. ॥२॥
श्रीराधावर सुघर कन्हैया, व्रज जन को नवनीत खवैया ।
देखत ही मन नैन चुरैया, अपनो सर्वस इनको दीजै ॥
आरती बालकृष्ण… ॥३॥
तोतरि बोलन मधुर सुहायै, सखन संग खेलत सुख पावै ।
सोई सुकृति जो इनकूँ ध्यावे, अब इनको अपनो करि लीजै ॥
आरती बालकृष्ण.. ॥४॥