लौट के आजा हनुमान तुम्हें भगवान बुलाते है
लौट के आ जा हनुमान तुम्हें भगवान बुलाते है।
गये पवन सुत लेने संजीवनी अब तक क्यों नहीं लाये है।।
सेनापति सुग्रीव पुकारे नर बानर कुम्हलाये
सब लोग भपे सुन ज्ञान तुम्हें भगवान् बुलाते है।
कभी तड़पते कभी बिलखते भर-भर नैन प्रभु रोते
हाय लखन अपनी माता के पुत्र है इकलौते
प्रभु रुदन करे महान तुम्हें भगवान् बुलाते है।
बीत गई सब रैन रही और न पल बाकी
देख-देख कर राह तुम्हारी बैरन अखियाँ थाकी
उदय ना हो जाये भानु तुम्हें भगवान् बुलाते है।
प्रातः समय हनुमान संजीवन ले सैन बीच हैं आये
गंगा राम धन्य बजरंगी लक्ष्मण के प्राण बचाये
अब जग उठे बलवान अब खुश हुए भगवान्
लौट के आ जा हनुमान तुम्हें भगवान् बुलाते है।