Bhagwat Bhagwan Ki Arti | भागवत भगवान की आरती आरति अति पावन

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||श्रीभागवत भगवान की आरती ||

Bhagwat Bhagwan Ki Arti | भागवत भगवान की आरती आरति अति पावन

*आरति अति पावन पुराण की । 

*धर्म भक्ति विज्ञान खान की ॥
 

 

*महापुराण भागवत निर्मल, 

 

 

 

*शुक मुख विगलित निगम कल्प फल । 

 

 

 

*परमानन्द सुधा रस मय कल, 

 

 

 

*लीला रति रस, रस निधान की ॥ आरती..

 

 

 

*कलिमल मथनी त्रिताप निवारिणी, 

 

 

 

*जन्म मृत्यु भय भव भय हारणी । 

 

 

 

*सेवत सतत सकल सुख कारणी, 

 

 

 

*शुभहोषधि, हरि चरित गान की ॥ आरती…….

 

 

 

*विषय विलास विमोह विनाशिनी, 

 

 

 

*विमल विराग विवेक विकाशिनी । 

 

 

 

*भगवत तत्व रहस्य प्रकाशिनी, 

 

 

 

*परम ज्योति परमात्म ज्ञान की ॥ आरती..

 

 

 

*परम हंस मुनि मन उल्लासिनी, 

 

 

 

*रसिक हृदय रस रास विलासिनी । 

 

 

 

*मुक्ति भुक्ति रति प्रेम सुधासिनी, 

 

 

 

*कथा अकिंचत प्रिय सुजान की ॥ आरती…….

 

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