बाँके बिहारी रे दूर करो दुःख मेरा
बाँके बिहारी रे दूर करो दुःख मेरा ।
सुना है जो तेरे दर पै आवैं, उसके सब दुःखड़े मिट जावैं ।
आया शरण तुम्हारी रे । दूर करो दुःख मेरा ।
बाँके बिहारी रे….. ।।१।।
जनम जनम का मैं हूँ भटका । बेड़ा आय भँवर में अटका ।।
पार करो बनवारी रे । दूर करो दुःख मेरा ।
बाँके बिहारी रे…… ।।२।।
शवरी, अहिल्या, गणिका, नारी । सबही तुमने पार उतारी ।।
अब आई हमारी बारे रे । दूर करो दुःख मेरा ।
बाँके बिहारी रे…… ।।३।।
मोर मुकुट पीताम्बर धारी । संग में हो वृषभानु दुलारी ।।
मेरे मोहन गिरवर धारी रे । दूर करो दुःख मेरा ।
बाँके बिहारी रे…… ।।४।।
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