हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये लिरिक्स भजन

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हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये लिरिक्स भजन

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये लिरिक्स भजन

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये ।

हूँ अधम आधीन अशरण अब शरण में लीजिये ॥

खा रहा गोते हूँ मैं भवसिन्धु के मझधार में ।

आसरा है दूसरा कोई न अब संसार में ॥

मुझ में है जप तप न साधन और नहीं कुछ ज्ञान है।

निर्लज्जता है एक बाकी और बस अभिमान है ॥

पाप बोझे से लदी नैया भँवर में आ रही ।

नाथ दौड़ो, अब बचाओ जल्द डूबी जा रही ॥

आप भी यदि छोड़ देंगे फिर कहाँ जाऊँगा मैं ।

जन्म-दुःख से नाव कैसे पार कर पाऊँगा मैं ॥

सब जगह ‘मंजुल’ भटककर अब शरण ली आपकी।

पार करना या न करना दोनों मर्जी आपकी ॥

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये ।

हूँ अधम आधीन अशरण अब शरण में लीजिये ॥

Book Mahalaxmi Puja & Hawan ( महालक्ष्मी पूजा )

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